इंसान का मन विचार निर्माण करने की फैक्टरी है जिससे बिना रुके विचार प्रकट हो रहे रहे हैं। अनचाहे, जमा हो चुके विचारों की वजह से तनाव और दुःख का निर्माण होता है। क्या इन विचारों को नियंत्रित किया जा सकता है… कोई दिशा दी जा सकती है… या इन्हें रोका जा सकता है… क्या इन विचारों का निर्माण लाभ देनेवाले, सकारात्मक रूप से हो सकता है। इस पुस्तक में सरश्रीजी विचारों के नियमों को समझाते हैं। विचारों को कैसे नियंत्रित किया जाए तथा दिशाहीन विचारों को कैसे उपयुक्त दिशा देकर उनसे कार्य करवाया जाए।
- विचार नियम क्या है?
- क्या यह संभाव है विचार नियम के इस्तेमाल से इंसान के द्वारा कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है?
- क्या यह संभव है कि दो परस्पर विरोधी विचारों के परिणाम वास्तविक जीवन में देखने को मिलते हैं?
- हमारे जीवन को विचार नियम कब, क्यों और कैसे प्रभावित करते हैं?
- मन को पुराने नकारात्मक विचारों से मुक्ति कैसे मिले?
- यह कैसे पता चले कि कोई घटना दिव्य योजना के अनुसार हो रही है या नहीं?
- हमारे अवचेतन मन की प्रोगामिंग कब और कैसे होती है तथा क्या उस प्रोग्रामिंग को बदला जा सकता है?
- विचारों के ध्यान के लिए कौनसी मूल बातें हैं?
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